स्वस्थ छात्र संघ (i next , my view)


प्रदेश मे नई सरकार के आने के बाद , लखनऊ विश्वविध्यालय मे छात्र संघ की लहर एक बार फिर से चलने लगी है . लोकतंत्र मे चुनाव प्रक्रिया एक सकारात्मक संकल्पना है , किन्तु इसकी दिशा भी सकारात्मक होनी चाहिए तभी लोकतंत्र के वास्तविक अर्थ को अपनाया जा सकता है . चूँकि चुनाव होना तय है तो क्यों न स्वस्थ वातावरण मे स्वस्थ छात्र संघ लाया जाये , ताकि विश्वविध्यालय और छात्रों की प्रॉब्लम को प्राथमिकता  दी जा सके . और इसके लिए एक सुझाव है, जैसे प्रदेश के चुनावों मे "मतदाता जागरूकता "  कार्यक्रमों ने अपनी अहम भूमिका निभाई थी उसी तरह लखनऊ विश्विद्यालय मे भी " छात्र मतदाता जागरूकता " के तहत एक स्वस्थ चुनाव कराया जा सकता है , जिसके अंतर्गत नुक्कड़ नाटक , वाद- विवाद , सेमीनार आदि के द्वारा नए  स्टुडेंट्स को और उन स्टुडेंट्स को जो वोट नहीं  देते , सभी को जागरूक किया जा सकता है . और तथा कथित अराजक तत्वों  को जवाब भी दिया जा सकता है. इससे लिंगदोह रिपोर्ट को भी विश्वविद्यालय मे चरित्त्रथ किया जा सकता है . व्यकितगत रूप से विश्वविद्यालय प्रशासन से बात होने  और अनौपचारिक सहमती के मिलने के बाद , नए सत्र मे "जागरूकता कार्यक्रम  " होने के सफल आशा है , इसलिए अब हम कह सकतें है की विश्वविद्यालय की चुनावी परंपरा मे " qualititative changes  " का समय आ गया है.
 

Comments

Popular Posts