jagruk bachchi

६ कछा मे पढने वाली बच्ची यदि अपने राष्टपिता  के बारे मे पूछती है तो इससे दो बातें साफ़ होती है . पहली कि हमारे कल के भविष्य यानी बच्चे किसी भी चीज को ऐसे ही नहीं स्वीकार कर लेंगें अतः उन्हें "क्यों" पूछना आने लगा . और दूसरी बात ये कि हमारी शिक्षा व्यवस्था ऐसी नहीं है जहाँ अपने कछा ६ के बच्चे को गाँधी के बारे मे पढाया ही नहीं जा रहा है. अतः ऐसे प्रश्न का स्वागत करना चाहिए और देश के कर्ता धर्ता को और भी प्रश्नों के लिए तैयार हो जाना चाहिए . सोचिये अगर इस उम्र में ऐसी जिज्ञासा है तो बड़े होने पर तो अपने देश के लिए कितना सुनहरा समय आने वाला है, लेकिन जरूत उस बच्ची को सही दिशा मिलने कि है. आज का भारतीय युवा विदेशो के महापुरुषों पर शोध कर रहा है, लेकिन हमे ऐसे भी लोग पैदा करने है जो भारत के महापुरुषों को भी शोध कर विषय बना सकें .   

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