मैंने तो सोचा !
मैंने तो सोचा देखें ,
चल कर मौसम
बाहर का ।
आँखों में थी गर्मी
नाक में गुरूर
जवानी का ।
तभी अचानक छिड़ी जंग
नीचा दिखा जोश
जवानी का ।
चेहरे के रण क्षेत्र पर
आँख - नाक के पानी का
मैराथन था ।
मैंने तो सोचा देखें
चल कर मौसम
बाहर का ....
बिन बारिश मैं तो भीगा
था ये परिणाम
कुहासे का ।
मैंने तो सोचा !
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