घर से अकेला निकला था
घर से अकेला निकला था
सोचा किसी दोस्त से मिलता हूँ
बहुत खोजा
मोबाइल देखा
फेसबुक खोजा
ट्वीट किया
लिंक्ड इन में खोजा।
कोई नहीं मिला।
अकेला बैठा
सोचा काश किसी का जन्मदिन होता
किसी का खुश दिन होता
कोई तो होता दोस्तों के साथ
कोई होता हँसता
कोई तो न होता अकेला।
तभी सामने केक देखा
था अजनबी
लेकिन
जान गया वो भी
कि
मैं
घर से अकेला निकला था।
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